भागलपुर:आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अपनी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है इंट्री पासिंग गिरोह के मामले में कई चेहरे हो सकते हैं बेनकाब
कौशल कुमार

भागलपुर(बीजीपी न्यूज)|अवैध तरीके से ओवरलोड वाहनों को पुलिस,माईंनिंग,डीटीओ की मिलीभगत से इंट्री करवाने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। इसे लेकर पटना से आई टीम गुप्त रूप से जांच कर रही है। इसमें ट्रकों के नंबर व सोशल मीडिया चैट रिकवर करने के बाद मिले मोबाइल नंबरों के आधार पर टीम जांच कर रही है। इसमें भागलपुर एसएसपी हृदय कांत से भी टीम ने कुछ इनपुट लिया है। इस टीम की जांच शुरू होने के बाद से कई पुलिस अफसरों की परेशानी बढ़ी हुई है।जिनका इंस्पैक्टर बनने के बाद इस जिले से दूसरे जिले में भी ट्रांसफर हो चुका है,उनके लिए भी यह मुसिबत है कि पता नहीं उन चैट से रिकवर हुए नंबरों में और किन-किन लोगों का नंबर है।
अगर पूरी सचाई से इस मामले में जांच टीम ने अपना काम पूरा किया तो कई अफसर व उनसे निचले स्तर पर काम करनेवाली टीम का चेहरा उजागर हो सकता है। नवगछिया से पीरपैंती व जगदीशपुर के सन्हौला मोड़ पुलिस चेकपोस्ट तक इस गिरोह का जाल फैला हुआ है। खासकर रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक यह खेल सड़को पर जारी रहता है, जिसमें कार/ बाइक सवार पासिंग गिरोह के सदस्य अवैध ओवरलोड उन ट्रक/ट्रैक्टर के आगे-पीछे जाकर इशारे में उसे पास करवा देते हैं कि कहां पर पुलिस है और कहां नहीं है।ट्रक/ट्रैक्टर मालिकों की माने तो रात में पासिंग गिरोह के सदस्य ट्रैक्टर के लिए एक हजार और ट्रक का पांच हजार रुपया लेते हैं।
इंट्री पासिंग मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई ने प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर ली है। यह रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर भविष्य में केस दर्ज किया जाएगा